झारखण्ड। सुप्रीम कोर्ट (उच्चतम न्यायालय) के आदेश के बावजूद झारखण्ड राज्य में कई छात्राओं को बिना आधार कार्ड के छात्रवृत्ति नहीं मिल रही है। 23 सितम्बर 2013 को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सरकारी योजनाओं का लाभ पाने के लिए आधार कार्ड होना ज़रूरी नहीं है।
झारखण्ड में तेरह में से सात छात्रवृत्ति योजनाएं आधार के साथ जुडी हैं। राजधानी रांची, रातू और नगरी जिलों में अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़े जातियों में पहले तेरह हज़ार छात्र नामांकित थे पर से इस साल छात्रों की संख्या नौ हज़ार तक गिर गई। गरीब परिवारों के बच्चों के लिए बिना छात्रवृत्ति किताबें लेना मुमकिन नहीं है।
स्कूलों के हेडमास्टर और टीचर को भी जानकारी नहीं है कि आधार कार्ड होना ज़रूरी है या नहीं। अगस्त महीने में राज्य सरकार के आदेश के हिसाब से उन्हें
आधार के बिना छात्रवृत्ति देने से मना किया गया है। अधिकारियों का कहना है कि जिन छात्रों के पास आधार कार्ड नहीं है उनकी अलग सूची बनाकर भेजने से उनके लिए पैसा आएगा लेकिन अभी तक किसी भी स्कूल में ऐसा किया नहीं गया है।
झारखण्ड में आधार के बिना छात्रवृत्ति नहीं
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