गिरिडीह जिले के सेवाटांड़ गांव में बुधनी सोरेन नामक आदिवासी महिला की भूख के चलते मौत हो गई। गांववालों के अनुसार, महिला के घर राशन नहीं था, पेट भरने के लिए वह प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाले अपने बच्चे के स्कूल जाती थी। जहां मिड–डे–मील से किसी तरह पेट भरती थी।
अधिकारियों का कहना है कि बुधनी की मौत ठंड से हुई है। माले विधायक राजकुमार यादव मौत की वजह भूख से जुड़ा बता रहे हैं। उन्होंने मामले को विधानसभा में उठाने की बात कही है।
बीजेपी शासन की साख बचाने के लिए प्रशासन ने महिला की मौत के बाद उसके घर में अनाज रख वीडियो बनवाया और दावा किया कि महिला की मौत भूख की वजह से नहीं हुई है।
स्थानीय मीडिया के अनुसार, बुधनी को तीन दिन से भोजन नहीं मिला था। वह जंगल से पत्ते चुनकर दोना बनाती थी। कुछ दिनों पहले ठंड से बीमार हुई तो घर में ही पड़ी रही। पड़ोसियों का कहना है कि उनके पास आधार कार्ड, राशन कार्ड आदि नहीं था। जिससे वह राशन का जुगाड़ कर पाती।
बता दें कि इससे पहले झारखंड के सिमडेगा जिले में संतोषी नामक एक बच्ची की कथित रूप से भूख से मौत हुई थी, जो राष्ट्रीय मीडिया की सुर्खी बन गयी थी।