झारखंड के लातेहार जिले में दो पशु व्यापारियों की हत्या कर उनके शव पेड़ से लटकाने के बाद इलाके में तनाव फैल गया है। इस मामले में छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है और दो लोगों की पुलिस को अभी भी तलाश है। तनाव को देखते हुए गांव में निषेधाज्ञा लगा दी गई है।
मारे गए लोगों की पहचान मजलूम अंसारी और इम्तियाज खान के रूप में हुई है जो आपस में रिश्तेदार थे। पुलिस ने बताया कि उनकी लाशों को पेड़ से लटका देख लोग आक्रोशित हो गए, जिन्हें नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्च और बाद में हवाई फायरिंग भी की।
इस दौरान लातेहार के एसडीओ समेत चार लोग घायल हो गए।
मारे गए पशु व्यापारी मजलूम के भाई अफजल अंसारी ने गोरक्षा समिति के लोगों को अपने भाई की हत्या के लिए दोषी ठहराया है। उन्होंने कहा, ‘जिन लोगों ने मेरे भाई की हत्या की, वे गोरक्षा समिति के लोग थे। ये वो लोग थे, जो पशुओं की किसी तरह की खरीद-बिक्री के खिलाफ हैं और उसे रोकना चाहते हैं।‘
अफजल ने यह भी कहा कि उनके भाई दरअसल अपने ही बैल को लेकर हजारीबाग के पास लगने वाले पशु मेले में जा रहे थे। इसी दौरान उन्हें अगवा कर लिया गया। सुबह उनकी लाशें पेड़ से लटकती मिलीं।
गौरतलब है कि चार महीने पहले भी इसी गांव के पास अपराधियों के एक गुट ने एक पशु व्यापारी को अगवा कर लिया था। उसकी भी हत्या कर दी जाती अगर वह उनके चंगुल से भाग नहीं निकलता।
इस घटना पर पुलिस की लापरवाही रही और एफआईआर के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की गई। अगर पुलिस तभी चेत गई होती तो ऐसी वारदात नहीं होती। इसके लिए लातेहार पुलिस पूरी तरह जिम्मेदार माना जा रहा है। खामोश प्रशासन के कारण मामला और संगीन हो गया है।