नवरात्रि शुरू होते ही झाँसी जिले में पंचकुइयां का मेला शुरू हो जाता है। साल में दो बार आने वाली नवरात्रि पर ये मेला लगता है। यहाँ न सिर्फ जिले भर से बल्कि महानगरों से भी अच्छी–खासी आबादी आती है। यहाँ न सिर्फ पूजा होती है बल्कि यहाँ खरीद–दारी भी जम कर होती है।
पंचकुइयां मेले का नाम यहाँ पर स्थित पांच कुओं के होने पर रखा गया है। यहाँ के मंदिर भी अपने आप में खास हैं। मंदिर के पुजारी हरिशंकर चतुर्वेदी ने बताया कि यहाँ पांच कुएं हैं इसलिए ये पंचकुइयां है और इन पांच कुओं से आधी झाँसी में पानी सप्लाई होता है। यहाँ लगने वाला मेला आज का नहीं बल्कि रानी लक्ष्मीबाई से पहले के समय से चला आ रहा है। गोंसैयों के समय से चला आ रहा है। रानी लक्ष्मी बाई भी यहाँ आती थी।
यहाँ दक्षिणमुखी मंदिर देखने को मिलता है जो अनोखा है। साथ ही यहाँ के कुओं के नीचे से सुरंग होने की बात भी की जाती है। जिससे होते हुए रानीलक्ष्मी बाई मंदिर में पूजा करने आती थीं।
पूरे बुंदेलखंड के लोग यहाँ मंदिर में दर्शन करने आते हैं। इस मेले के लगने का लोग इंतज़ार करते हैं। साथ ही यहाँ के मन्दिर में बसी माता को लोग कुलदेवी के रूप में पूजते हैं, इसलिए भी यहाँ भारी भीड़ रहती है।
रिपोर्टर- सफीना