चित्रकूट जिला के हालत या समय बहुतै खराब हवै। या कारन अलग अलग विभाग के नेता मंत्री अउर अधिकारी आवत हवै।
ज्यादातर अधिकारी जबै जिला मा आवत हवै तौ जिला प्रषासन का पता रहत हवै, पै या दरकी 18 अगस्त 2013 का उत्तर प्रदेष के राज्य सूचना आयुक्त ज्ञान प्रकाष मौर्य आय रहंै तबै बहुतै कम लोगन का उनके आवै के बारे मा पता रहै।
या कारन कुछ अधिकारी अउर करमचारी परेशन भे। काहे से जबै अधिकारी का पता रहत हवै कि कउनौ का अबै का हवै तौ उंई जिला के विकास करवावैं मा लाग जात हवैं। जिला मा एक सौ तिरसठ केस शिक्षा विभाग मा बन्द काहे पड़े हवै?
या बात जबै ज्ञान प्रकाश आयुक्त आय तबै हिंया के मड़इन का पता लाग। यहिके पहिले काहे नहीं लोगन का पता रहा आय? जिला मा का होत हवै का यहिके बारे मा दूसर अधिकारी या नेता मंत्री आ के बतइहैं?
सोचै वाली बात हवै कि शिक्षा विभाग अउर ग्राम विकास के मुद्दा के फाइल काहे दबी हवै?अगर यहिनतान नेता मंत्री अउर अधिकारी जिला मा बिना बताये अइहैं तौ जिला के बिगड़ी हालत मा सुधार होइ सकत हवै।