मिड्डे मील खाना स्कूल में बनवाये के व्यवस्था ओर योजना तो सरकार ने लागू कर दई हे पे ई योजना को लाभ बोहतई कम मिलत हे। काय से स्कूल में जोन मिड्डेमील प्रधान ओर हेडमास्टर बनवाउत हे ऊखी कोनऊ गुणवत्ता नई रहत या फिर तहरी चावल बनवाउत हे।
चरखारी ब्लाक के अकठौंहा गांव के पूर्व माध्यमिक विद्यालय में मिड्डे मील कोनऊस्वाद को नई बनत कबरई ब्लाक के महेवा गांव के प्राथमिक स्कूल में अक्टूबर में लगातार पन्द्रह दिन तहरी , चावल बनो हे। जभे कि सरकार मिड्डे मील खा लगभग करोड़न रूपइया भेजत हे।
सवाल जा उठत हे कि अगर सरकार इत्तो बजट भेजत हे तो ऊ कहां जात हे। जीसे बच्चन खा नींक खाना नई दओ जात हे। सोचे वाली बात तो जाहे कि का प्रधान ओर मास्टरन को अपनी वेतन से पेट नई भरत आय। जिला में बेठे अधिकारियन खा मिड्डेमील की जांच करे खा चाही? जभे तक अधिकारी कोनऊभी योजना की देखरेख न करहें। तो जा समस्या एसई बनी रेहे।
अगर सरकार इत्तो बजट भेजत हे तो ऊखों अपने अधिकारियन से जवाब लेय का चाही ईखी देख रेख ओर जवाब देही की जिम्मेदारी कीखी आ?
जिम्मेंदारी किखी आये
पिछला लेख