उत्तर प्रदेश के बुन्देलखण्ड इलाके मा लगभग तीन साल से कउनौ भी फसल नीक नहीं भी आय। यहिसे किसान तौ भूरवमरी के कगार मा पहुंच गे हवै पै उनके साथै साथ उनके जानवरन का भी खाये खातिर भूसा तक नहीं मिल पावत हवै। लघु अउर सीमान्त किसानन के जानवरन खातिर सरकार गौशाला अउर सेत मा भूसा दे के व्यावस्था कराइस हवै। यहिके बांदौ चित्रकूट अउर बांदा जिला मा बड़े बड़े किसानन के जानवरन का भूसा नहीं दीन गा हवै। सोचै वाली बात तौ या हवै कि जबै सरकार कइती से बड़े किसान होय चाहे छोट किसान के जानवर का भूसा बराबर बांटै का हवै तौ फेर इनतान काहे कीन जात हवै।
का बड़े किसान के जानवरन के पेट नहीं आय आखिर उनका पेट काटैं मा जिला के अधिकारी काहे लाग हवै जबै कि 1 जनवरी से सरकार हर जिला मा जानवर खातिर गौशाला अउर भूसा दें का नियम लागू कइ दिहिस हवै। फेर जिला के करमचारी सरकार के बनाये गे नियम कानून का उल्लघन कइके धज्जी उडावैं मा लाग हवै। आनवरन खातिर भूसा के व्यवस्था करिस हवैं। उंई चाहे अन्ना जानवर होय या गरीब अउर बड़े किसानन के जब सरकार पेट तौ सब का भरैं का परी।
जानवर भी भूखन के कगार मा
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