जिला लखनऊ। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ शाखा ने गुरुवार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए उत्तर प्रदेश में जाति आधारित रैलियों के आयोजन पर अस्थायी रोक लगा दी है।
वकील उमा नाथ सिंह और जस्टिस महेंद्र दयाल की खंडपीठ ने अपने फैसले में कहा, हम पूरे उत्तर प्रदेश में जाति आधारित रैलियों पर अभी के लिए रोक लगाते हैं। अदालत ने इस बारे में केंद्र सरकार, राज्य सरकार और चुनाव आयोग के साथ साथ चार प्रमुख दलों समाजवादी पार्टी, बहुजन समाजवादी पार्टी और कांग्रेस, भाजपा को नोटिस जारी किया। यह फैसला ऐसे समय में आया है जबकि राज्य के 40 जिलों में दलित ब्राह्मण भाईचारा सम्मेलन हो रहे हैं।हालाँकि बसपा प्रमुख मयावती ने साफ़ कर दिया है कि जाति आधारित रैलियां चलती रहेंगी। उन्होने कहा कि हमारे देश का सामाजिक ढांचा ही जातिगत है।
जातिगत रैलियों पर लगी रोक
पिछला लेख