जिला महोबा, ब्लाक जैतपुर, गांव सीगौन के लोगन खा राशन कार्ड बना हे,पे उनखा कोटेदार महिपत तिवारी गल्ला नई देत हे। जीसे लोग परेशान हें।
रमानाथ कहत हे कि मोये राशन कार्ड बना हे। राशन कार्ड में गल्ला लें खा कोटेदार के लगे गओ हतो तो काटेदार कहत हतो के बहू ख गल्ला दओ जेहे। जभे बहू गइ तो कहत हतो के अपने बच्चन का भेजहो तभे गल्ला दओ जेहे। कोटेदार हमका भरकाउत रहत हे,पे गल्ला नई देत हे।
मोहन लाल कुशवाहा कहत हे कि बीस साल से महिपत तिवारी कोटेदार हे। वा बोहतई परेशान करत हे। राशन कार्ड में गल्ला नई देत हे। अगर कोटदार से कहत हें कि हम लोगन खा गल्ला काये नई देत हो तो कहत हे कि जो करे खा होय तो कर लेओ ओर ऊपर से जान मारे खे धमकी देत हे। जीसे कोटेदार के खिलाफ डी.एम. वीरेश्वर सिंह से अब शिकायत करें खे सोचत हें।
सिया बताउत हे कि गरीब हें। मजदूरी करे ख दिल्ली जात हें। अगर एक दिन मजदूरी न करे तो दुसरे दिन घर में चूल्हा नइ्र जलत हें। राशन कार्ड तो बनो हे, पे कोटदार अपने मनखे करत हें ओर गल्ला नई देत हे।
ठाकुर दास कुशवाहा कहत हे कि ई कोटदार खा कोटा रद्द होय खा चाही। ऊखे जघा मा दुसरे खा कोटा दओ जाये जीसे हम लोगन खा राशन कार्ड में हर महीना गल्ला मिलें लागे।
माधव प्रसाद विश्वकर्मा बताउत हे कि चार भइयन के बीच में एक राशन कार्ड बनो हे। ईखे बादौ गल्ला नाई मिलत हे।
कोटेदार महिपत तिवारी कहत हे कि बराबर गल्ला बांटत हों। मिट्टी का तेल भी पांच से दस दिन के बीच मा बांटा जात हे। डी. एम खुदै जांच कर के कुछ लोगन खे राशन कार्ड रद्द करे हें। जीसे उनखा गल्ला नई दओ जात हे। इमे मोय कोऊ गल्ती नइयां।
डी.एम. वीरेश्वर तिवारी बताउत हें कि कुछ रुपइया वाले लोगन खे राशन कार्ड रद्द करे खे बाद पा़त्र लोगन खा राशन कार्ड बनाये हें। जीसे पात्र लोगन खा गल्ला मिलहे।
रमानाथ कहत हे कि मोये राशन कार्ड बना हे। राशन कार्ड में गल्ला लें खा कोटेदार के लगे गओ हतो तो काटेदार कहत हतो के बहू ख गल्ला दओ जेहे। जभे बहू गइ तो कहत हतो के अपने बच्चन का भेजहो तभे गल्ला दओ जेहे। कोटेदार हमका भरकाउत रहत हे,पे गल्ला नई देत हे।
मोहन लाल कुशवाहा कहत हे कि बीस साल से महिपत तिवारी कोटेदार हे। वा बोहतई परेशान करत हे। राशन कार्ड में गल्ला नई देत हे। अगर कोटदार से कहत हें कि हम लोगन खा गल्ला काये नई देत हो तो कहत हे कि जो करे खा होय तो कर लेओ ओर ऊपर से जान मारे खे धमकी देत हे। जीसे कोटेदार के खिलाफ डी.एम. वीरेश्वर सिंह से अब शिकायत करें खे सोचत हें।
सिया बताउत हे कि गरीब हें। मजदूरी करे ख दिल्ली जात हें। अगर एक दिन मजदूरी न करे तो दुसरे दिन घर में चूल्हा नइ्र जलत हें। राशन कार्ड तो बनो हे, पे कोटदार अपने मनखे करत हें ओर गल्ला नई देत हे।
ठाकुर दास कुशवाहा कहत हे कि ई कोटदार खा कोटा रद्द होय खा चाही। ऊखे जघा मा दुसरे खा कोटा दओ जाये जीसे हम लोगन खा राशन कार्ड में हर महीना गल्ला मिलें लागे।
माधव प्रसाद विश्वकर्मा बताउत हे कि चार भइयन के बीच में एक राशन कार्ड बनो हे। ईखे बादौ गल्ला नाई मिलत हे।
कोटेदार महिपत तिवारी कहत हे कि बराबर गल्ला बांटत हों। मिट्टी का तेल भी पांच से दस दिन के बीच मा बांटा जात हे। डी. एम खुदै जांच कर के कुछ लोगन खे राशन कार्ड रद्द करे हें। जीसे उनखा गल्ला नई दओ जात हे। इमे मोय कोऊ गल्ती नइयां।
डी.एम. वीरेश्वर तिवारी बताउत हें कि कुछ रुपइया वाले लोगन खे राशन कार्ड रद्द करे खे बाद पा़त्र लोगन खा राशन कार्ड बनाये हें। जीसे पात्र लोगन खा गल्ला मिलहे।
02/07/2016 को प्रकाशित
‘जब गल्ला पड़ा है तो क्यों नहीं मिल रहा है राशन?’
महोबा जिले के जैतपुर ब्लॉक के सीगौन गांव के लोगों का गुस्सा फूटा