महाराष्ट्र, भारत। एक तरफ महाराष्ट्र राज्य की जनता बूँद बूँद पानी के लिए तरस रही है तो दूसरी तरफ राज्य के उप-मुख्यमंत्री अजित पवार उनकी स्थिति का मज़ाक बना रहें है ।
पचपन दिनों से पानी की कमी पर विरोध कर रहे एक किसान को अजित पवार ने कुछ ऐसे जवाब दिया- “बाँध में अगर पानी ही नहीं है तो कैसे पानी छोड़ सकते हैं? क्या हम बाँध में पेशाब करें? समस्या यह है कि पीने का पानी तक नहीं है, तो पेशाब भी कैसे करें?“ इस पर विपक्ष ने अजित पवार से इस्तीफा देने की माँग की है। जिस किसान को इस मज़ाक का निशाना बनाया गया था उनकी असंवेदनषीलता को देखकर उसका भी यही कहना है कि अजित पवार को इस्तीफा दे देना चाहिये। अजित पवार ने दबाव में आकर विधान सभा में माफी माँगते हुए कहा है कि अगर उनके शब्दों से किसी को ठेस पहुँची हो तो वे माफी माँगते हैं। यही नहीं, सूखा हो या न हो, आई पी एल जैसे मनोरंजक क्रिकेट खेलों में प्रति दिन साठ हज़ार लीटर पानी क्रिकेट मैदान की व्यवस्था के लिए बर्बाद किया जाता है। ये क्रिकेट का खेल सूखे से प्रभावित महाराष्ट्र राज्य में ही हो रहा है। सरकार ने 1, 207 करोड़ रुपये सूखे से राहत देने के लिए निर्धारित किये हैं। ये सूखा महाराष्ट्र में 2 महीने से चल रहा है।