नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का छोटा मंत्रिमंडल बनाए रखने का वादा 10 नवंबर को मंत्रिमंडल विस्तार के बाद टूट गया। छियालिस मंत्रिमंडल में अब छाछठ मंत्री हो गये हैं। मई में जब प्रधानमंत्री समेत सभी मंत्रियों ने पद की शपथ ली थी तो यह लगा था कि पिछले उन्यासी मंत्रियों वाले मंत्रिमंडल के मुकाबले अबकी बहुत छोटा मंत्रिमंडल है। मोदी ने चुनाव के दौरान पिछले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बड़े मंत्रिमंडल की आलोचना भी की थी।
नए मंत्रिमंडल में सदानंद देव गौड़ा की जगह रेल मंत्रालय सुरेश प्रभु को सौंप दिया गया। अरुण जेटली के कंधों से रक्षा मंत्रालय का बोझ कम कर इसे गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर को दिया गया है। मुस्लिम समुदाय को लुभाने के लिए अल्पसंख्यक मंत्रालय मुख्तार अब्बास नकवी को सौंपा गया तो दलितों का प्रतिनिधित्व दर्शाने के लिए बाबुल सुप्रियो शहरी विकास मंत्री बने।
छोटे मंत्रिमंडल का वादा निभा नहीं पाए मोदी
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