जिला बांदा। या साल सरकार के अदेशानुसार छुट्टी के समय भी मिड्डेमील बनै का नियम कीन गा है। यहिकर उद्देश्य है कि सूखा परै के कारन मड़ई अनाज का तरसत हैं। उनका खाना खाय खातिर स्कूलन मा खाना बनी। यहिसे स्कूल रोज खुली या बात का लइके मास्टरन मा बहुतै गुस्सा है।
चिल्ला कस्बा के प्राथमिक विद्यालय मा 27 मई सुबेरे साढे़ 10 बजे स्कूल मा हेडमास्टर अउर खाना बनावैं वाली औरतै स्कूल खोले बइठ रहैं, पै न खाना का पता रहै न बच्चन का।
हेडमास्टर गीता का कहब है कि 20 मई से सबै स्कूल बंद होइगे हैं, पै या साल सूखा के कारन शासनादेश है कि छुट्टी के समय खाना बनैं का चाही। जेहिसे कउनौ गरीब लोग अउर बच्चा भूखे न रही सकैं, पै बच्चा अब खुदै स्कूल नहीं आय तौ हम केहिके खातिर खाना बनवावा। दूसर बात बुर्जुग अउर बेसहारा औरतन का खाना दें के बात है, तौ गांव मा लोग छुआ छूत मानत हैं। साथै हम लोगन के भी छुट्टी मारी जात है। यहिसे हम लोग या नियम के खिलाफ हन। अगर हमार छुट्टी न मानी जई तौ अन्दोलन करब। यहिके खातिर तिन्दवारी बी.आर.सी.विभाग मा दरखास दीन है।
िंतंदवारी ब्लाक के बरेठी गांव के हेडमास्टर शिवहरे का कहब है कि मैं नरैनी ़क्षेत्र से आवत हौं। सरकार के मंसा है, पै छुट्टी के दिन मा बच्चा नहीं आवत आय। मड़ई कहत है कि यतने खाना मा हमरे बच्चन का पेट नहीं भर जाय का आय। गांव के लोग सूखा खाना मांगत हौं तौ कहां से देन,पै आपन ड्यिटी पुरी करत हन। तिन्दवारी बी.आर.सी.प्रभारी महावीर का कहब है कि मास्टर स्कूल न खोलै का लइके दरखास देत है,पै हाई कोर्ट का आदेश है कि खाना बनै का चाही तौ हम का कर सकत हन।
रिपोर्टर – शिवदेवी