तमिलनाडु के दुकानदार पद्मराजन ने 158 बार चुनाव लड़ा है और हारे हंै। मगर इतनी बार हारने के बाद भी वे हारा हुआ महसूस नहीं करते। उन्होंने चुनाव लड़ने की शुरुआत की 1988 में की।
उन्होंन कहा मेरे दिमाग मे ये बात आई कि एक आम तनख्वाह वाला आम आदमी जिसका समाज में विशेष दजाऱ् नहीं, वह भी तो चुनाव लड़ सकता है। वे उस साल चुनाव लड़े और हार गये। फिर लड़े फिर हारे। और पिछले 26 साल से ये सिलसिला चल रह है। वे स्थानीय और लोकसभा चुनाव दोनों ही लड़ते हंै। बड़े बडे नेताओं जैसे
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और मौजूदा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के खिलाफ भी लड़ेे। आज वे लोकसभा चुनाव वडोदरा से नरेन्द्र मोदी के खिलाफ लड़ रहे हैं। उनका कहना है मैं बड़े बड़े नामों के खिलाफ चुनाव लड़ना पसन्द करता हूं। जीतना मेरे लिए मायने नहीं रखता। उन्हें 2011 में तमिलनाडु में अपने घर के निर्वाचव क्षेत्र मेट्टूर से चुनाव लड़ने पर 6,273 वोट मिले थे जो उनको आज तक मिले वोटों मे सबसे ज़्यादा हैं।
छब्बीस सालों से लगातार हार रहे चुनाव
पिछला लेख