16 जुलाई 2013 को सारण जिले के धर्मासती गंडामन गांव के सरकारी स्कूल में मिड डे मील खाने के बाद कई बच्चे बीमार हो गए थे। इस घटना में कुल 23 बच्चों की मौत हो गई थी जबकि 25 बच्चे बीमार हो गए थे।
इस मामले पर फैसला सुनाते हुए छपरा सिविल कोर्ट ने सज़ा का ऐलान कर दिया है।
इस बहुचर्चित छपरा मिड डे मील मामले में अदालत ने धर्मासती गंडामन गांव के सरकारी स्कूल की तत्कालीन हेडमास्टर मीना कुमारी को 17 वर्ष की सज़ा सुनाई है।
अदालत ने 25 अगस्त को इस मामले में मीना कुमारी को दोषी करार दिया था।
कोर्ट ने मीना कुमारी को भारतीय दंड सहिता की धारा 304 और 308 के तहत दोषी पाते हुए सज़ा सुनाई। कोर्ट ने धारा 304 (2) के तहत 10 वर्ष की कठोर सज़ा सुनाई और ढाई लाख रुपए का जुर्माना लगाया। साथ ही धारा 308 (2) के तहत सात साल के सश्रम कारावास की सज़ा सुनाई और ढाई लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। यह दोनों सज़ाएं अलग-अलग चलेंगीं।
सरकारी वकील के मुताबिक ढाई लाख के जुर्माने में से बीस हजार रुपए सरकार के पास जमा होंगे जबकि शेष राशि मृतक बच्चों के परिजन के बीच बराबर-बराबर बांटी जाएगी। वहीं सवा लाख के जुर्माने की राशि इस घटना में बीमार हुए बच्चों के बीच बराबर-बराबर बांटी जाएगी।
इस फैसले के खिलाफ मीना कुमारी पटना हाइकोर्ट में अपील करेंगी।