आॅस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड। क्रिकेट वर्ल्ड कप के शुरुआती मैचों में धूम मचाने के बाद 26 मार्च को आॅस्ट्रेलिया के खिलाफ भारतीय क्रिकेट टीम का निशाना बुरी तरह से चूक गया। साथ ही, करोड़ों क्रिकेट प्रेमी ही नहीं बल्कि धोनी के लगातार दो बार विश्व कप जीतने का सपना भी टूट गया। 29 मार्च का फाइनल मैच आॅस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड के बीच खेला गया।
पहला सेमी फाइनल मैच 24 मार्च को न्यूज़ीलैंड और दक्षिण अफ्रीका के बीच हुआ। न्सूज़्ाीलैंड को दो सौ अट्ठान्बे रन बनाने थे। मैच में दोनों टीमों ने जान लगा दी और आखिरी ओवर की पांचवी गेंद पर जब न्यूज़ीलैंड के एलियट ने छक्का मारा तब जाकर न्यूज़ीलैंड को इतने सालों में फाइनल में पहुंचने का मौका मिला।
26 मार्च को भारत और आॅस्ट्रेलिया का मैच बेहद एकतरफा रहा। टाॅस हारने के बाद भी भारत के गेंदबाज़्ाों ने मेहनत की और जहां लग रहा था आॅस्ट्रेलिया साढ़े तीन सौ बना ले जाएगी वहां उन्हें तीन सौ अट्ठाइस रनों पर रोक दिया। लेकिन इस मैच में बल्लेबाज़ नहीं चमके। धवन की कोशिशों के बाद बस धोनी ही थे जिन्होंने पैंसठ रन बनाए। सबसे ज़्यादा मायूस रोहित शर्मा (चौंतीस रन) और कोहली (एक रन) ने किया। दोनों से सभी को बड़ी उम्मीदें थीं।
– न्यूज़ीलैंड पहली बार विश्व कप के फाइनल मैच में खेल रही है। इसके पहले न्यूज़ीलैंड पांच बार सेमी फाइनल तक पहुंच चुकी थी पर हर बार हारी थी।
– आॅस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड के बीच की क्रिकेट की दुश्मनी कुछ-कुछ वैसी ही है जैसे कि भारत और पाकिस्तान की। दोनों देशों के बीच फाइनल मैच वहां के क्रिकेट प्रेमियों के लिए बहुत बड़ी बात है और वो भी जब मैच वहीं हो रहा है।