लोकसभा चनाव के सात चरण होइ गे हवै। अउर अब दुइचरण अउर बाकी हवै। बांदा चित्रकूट लोकसभा क्षेत्र समेत उत्तर प्रदेश के चैदह जिलन मा 30 अप्रैल 2014 का वोट डाले गें हवै। 2009 के चुनाव मा बहुतै समस्या मड़इन के सउहें आई रहै। या कारन मड़इन का परेशानी उठावैं का पड़ी हवै।
या दरकी चुनाव आयोग व्यवस्था तौ नींक करवाइस हवै, पै वहिकर पालन बूथन मा नहीं कीन गा आय। नियम मा रहै कि वोट वाले दिन मड़इन का पीये खातिर पानी के व्यवस्था बूथ मा रही, बइठै खातिर टेन्ट लगावा जई, बूथ से दुइ सौ मीटर दूर जूस अउर फलन के दुकान लगाये जइहैं। या व्यवस्था चित्रकूट के सात सौ पैतिंस बूथ मा नहीं देखी गे आय। का यहिके जानकारी प्रशासन का नहीं रहै? कत्तौ कत्तौ तौ विकलांगन खातिर ट्राइसाइकिल भी नहीं रहै। मड़इन का परिवार वाले गोदी मा लई लई के वोट डलवाइन हवै।
चित्रकूट जिला मा लगभग सात लाख मड़ई वोट डारिन हवैं। वोट तौ या दरकी छप्पन प्रतिशत पड़ा हवै। जबै कि 2009 मा सैंतालिस प्रतिशत वोट प़ड़ा रहै। या दरकी के चुनाव मा डकैतन का दब दबा भी कम नही रहै। उंई भी अलग अलग पार्टी का हर रोज प्रचार प्रसार करिन अउर दलितन के साथै मारपीट भी करिन। इंस ब चीजन का भी चुनाव आयोग का देखै का चाही। जेहिस बेकसुर अउर गरीब मड़इन के साथै अत्याचार न होइ सकै। शासन प्रशासन का कड़ाई के साथै नियम व्यवस्था लागू करै का चाही। जेहिसे कउनौ का असूविधा न होइ सके।
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