जिला चित्रकूट का एक अइसा गांव जहां दलित मड़इ रहत हवै। दलित जाति के लड़की के साथै एक अइसी घटना भे हवै, कि वहै गांव का एक लड़का नौकरी का झांसा दइके घर से लिवा लइगा हवै अउर वहिके साथ बहुतै शोषण किहिस हवै, जबै बाप महतारी का का पता चला हवै, तौ रिपोर्ट दर्ज कराइन हवै, पै उनकर कार्यवाही नहीं भे आय। लगभग पांच महीना का केस होय वाला हवै, पै अबै तक मुल्जिम फरार हवै। तमंचा के बल मा परिवार वालेन का जान से मारै के धमकी देत हवै।
शिकायतकर्ता का कहब हवै कि मोहिका संदीप रात मा फोन किहिस वा हमेशा रात मा नौकरी लगवावै के खातिर बात करत रहै। वहिके बाप महतारी कहत रहै कि तोर नौकरी लगवा देबे। मोहिका लालच देत रहै कि तोर बाप महतारी गरीब हवै तोर शादी न कइ पहिहैं। हम तोर शादी आपन लड़का के साथै करा देबे अउर नौकरी लगवा देब, तौ मैं कहे हौ कि ठीक हवै, तौ रात मा 10-11 बजे के बीच मोहिका कर्वी लइगे हवै। मैं मजबूर रही हौं। सबै लड़का मोहिका दारागंज मा धमकाइन अउर कम से कम 25 सादे पेज मा हस्ताक्षर करवाइन हवैं। फेर सबै लड़का मिल के मोहिका पूना लइगे हवैं। फेर सुरेश केवट के साथै मोर फोटो लिहिन अउर मोहिका मजबूर करत रहै कि अब तय सुरेश के होइ गई हा। अब तोहिका यहै के साथै रहै का हवै, तोर शादी यहै के साथै भे हवै। तबै मैं मना किन्हें हौं तौ मोहिका मारपीट के धमकावत रहै। मैं रिपोर्ट किन्हें हौं तौ कउनौ सुनवाई नहीं भे आय। तीन महीना का बच्चा हवै। मैं 14 फरवरी मा हुंवा से आपन जान बचाके आई हौं। मोर बयान होइगे हवैं, पै सुनवाई नहीं भे आय।
शिकायतकर्ता के बाप का कहब हवै कि खूब बंदूक,तमंचा देखावत हवै अउर कहत हवै कि तोहिका जान से मार डारब। घर से निकरै नहीं मिलत आय। कहत हवै कि राजी होइ जा नहीं तौ गोली मार देब।
शिकायतकर्ता का भाई बताइस कि महतारी खेत मा रहै अउर घर मा छोट भाई सोवत रहै, तौ रात मा 10-11 बजे के बीच मा लड़की का लइके चले गे हवैं। जबै एफ.आई.आर.करै गये, तौ दस दिन तक तौ एफ.आई.आर.नहीं दर्ज भे आय। वहिके बाद एफ.आई.आर दर्ज भे हवै, तौ सुनवाई नहीं होत आय।
थानेदार का कहब हवै कि हमै या घटना के बारे मा कुछौ नहीं पता आय।
रिपोर्टर: सहोद्रा
Published on Apr 24, 2018