16 अक्टूबर 2017 को प्रकाशित
जिला चित्रकूट,ब्लाक पहाड़ी,गांव कलवलिया। हिंया 19 सितम्बर से 10 अक्टूबर तक पुरातत्व विभाग कइत से खोदाई कीन गे हवै जेहिमा नवपाषाण ताम्र अउर ऐतिहासिक संस्कृति के अवशेष मिलें हवैं।
पुरातत्व मजदूर हरी बिहारी का कहब हवै कि हिंया के खोदाई से पता चला हवै कि चार हजार साल पहिले हिंया पुरान बस्ती रहि हवै। वा समय माटी के बर्तन येत्ते अच्छे से पकाये जात रहै कि बर्तन से खनखानाहट के आवाज आवत हवै।प्रज्ञा पाण्डेय बताइस कि हिंया के खोदाई करे से टूट-फूट बर्तन मिले हवै।चंद्रभान गौतम का कहब हवै कि या देवी का स्थान रहै तबै मोहिका खोदाई मा चार सोने के मोहर मिली हवै।
शकुन्तला देवी विश्वविद्यालय लखनऊ के इतिहास विभाग के प्रभारी डाक्टर अवनीश चन्द्र का कहब हवै कि हिंया तीन संस्कृति के अवशेष मिले है जेहिमा नवपाषाण, गुप्त अउर कृषाण युग के अवशेष हवै।
बाईलाइन-नाजनी रिजवी