जिला चित्रकूट,ब्लाक कर्वी, खोह गल्ला समिति मा मनमानी होत हवै। किसानन से एक कुंतल मा दुई किलो गेहूं लीन जात हवै। किसानन का आरोप हवै कि हमार गेहूं से प्राइवेट पल्लेदारन का देय खातिर दुई किलो लेवर चार्ज अउर कमीशन लीन जात हवै। पै सरकार के रेट मा नहीं दर्शावा गा आय। मड़इन का कहब हवै कि जउन रेट सरकारी हवै, वा मा तौ लिखा का चाहीं कि दुइ किलो बोरा लीन जात हवै।
दशरथ प्रसाद का कहब हवै कि रेट तौ 1735 रुपिया तय कीन गा हवै जउन दुई किलो बोरा मा लेत हवै वहिका भी लिखा का चाहीं। या तौ गलत हवै। जउन किसान पचास कुंतल बेची तौ वहिका बहत नुकसान होत हवै। संजीव सिंह का कहब हवै कि जबै नंबर लागी तबै तउला जइ। हिंया या साल रेट 1735 हवै।
पल्लेदार राजेश बताइस कि का करी मजबूरी हवै हमार हवै? काम न करब तौ खाब का? पढ़ लिख तौ सकत नहीं आहीं। सिले का पड़त हवै अउर पीठ मा लाद के ठेला मा चढ़ावै का पड़त हवै तबै जाके दुई किलो गेहूं मिलत हवै। पल्लेदार रामनरेश का कहब हवै कि बोरा का सिल के भीतर रखै का पड़त हवै तबै दुई किलो गेहूं मिलत हवै। हम सरकार से मांग नहीं किन्हें आहीं। समिति सहयोगी धर्मपाल बताइस कि सरकार के नियम मा दस रुपिया कुंतल मा दीन जात हवै। वही रेट मा मजदूर काम करत हवै।
रिपोर्टर- सहोद्रा