व्यापम घोटाले का मास्टर माइंड रमेश शिवहरे आखिर स्पेशल टास्क फोर्स की गिरफ्त में आ ही गया। दो साल से लगतार फरार चल रहे व्यापम घोटाले का मुख्य आरोपी और महोबा की पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष के पति को देर रात सीबीआई और स्पेशल टास्क फोर्स की ज्वाइंट टीम ने गिरफ्तार कर लिया। इस पर मध्य प्रदेश की पुलिस ने पांच हजार का इनाम भी घोषित किया हुआ था।
सरगना रमेश से सीबीआई और यूपी एसटीएफ की टीमें गहन पूछताछ कर रही हैं। ज्ञात है कि आरोपी रमेश की पत्नी महोबा जिले से जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं।
जबलपुर पुलिस ने रमेश पर 5000 रुपये का इनाम भी घोषित कर रखा है। पिछले साल एमपी स्पेशल टास्क फोर्स ने महोबा के कबरई स्थित रमेश के घर पर छापेमारी की थी, लेकिन रमेश निकल भागा था तभी से वो फरार चल रहा था।
यूपी स्पेशल टास्क फोर्स के एडिशनल एसपी अरविन्द चतुर्वेदी ने बताया कि बसपा शासन काल में रमेश की पत्नी अंशू शिवहरे जिला पंचायत अध्यक्ष थी और वर्तमान में समाजवादी पार्टी से जिला पंचायत सदस्य है। उन्होंने बताया कि रमेश कानपुर में पहले कोचिंग चलाता था जिससे लोगों से संपर्क बढ़ा और फिर मध्यप्रदेश के लोगों से संपर्क हुआ। धीरे-धीरे व्यापम घोटाले का यूपी में सरगना बन गया। रमेश यूपी से एडमिशन लेने वाले छात्रों का और पैसों का लेनदेन करता था। व्यापम घोटाले में कई सालों से सीबीआई को रमेश की तलाश थी।
चार साल बाद, व्यापम घोटाले का फरार आरोपी हुआ गिरफ्तार
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