जिला सीतामढ़ी, प्रखण्ड सोनबरसा, पंचायत पिपरा परसाई, गांव बकचैरा। उहां मुशहरी टोला में एकोगो शौचालय न हई। उ लोग दिन रात बर्षा बुनी में खेत में शौच के लेल जाई छथिन। ऐतना समस्या से जुझई छथिन। लेकिन रूपईया न रहे के कारण उ लोग अपने से शौचालय न बनबवई छथिन।
उहां के लोग राजा राम माझी, चुल्हाई माझी, तेतरी देवी, दौना देवी सब कहलथिन कि हमरा सब के शौचालय के बिना बड़ा दिक्कत होईय। नया बेटी-पुतोह अबई छई उहो खेत में ही जाई छई। रात विरात बर-वर्षात में बड़ा दिक्कत होई छई। पिलुआ पताई से हमेशा डर रहई छई। लेकिन हम मजदूर आदमी रूपईया भी न हई कि अपने शौचालय से बनाउ। इंदिराआवास मिलई छई त केहु तरह एगो रूम बना लेई छी। जे कामाई छी ओई से खान पान दवा बिरो केहु तरह से हो जाई छई। अगर कोई सहयोग मिलतई त शौचालय बनतई। न त हमरा सब से न बनतई।
मुखिया देवल साह कहलथिन कि हम चाहई छी कि घर-घर शौचालय बन जाय बाद में त रूपईया मिल जाई छई। लेकिन कोई न बनावे चाहई छथिन।
पी.एच.ई.डी. विभाग के कार्यपालक अभियंता सुद्धेश्वर प्रसाद कहलथिन कि नियम हई कि पहिले शौचालय बनवा के ओकरा बाद फोटो खिंचाके आवेदन जमा करथिन त नौ हजार एक सौ रूपईया मिलतई, पहिले न मिलतई।
घर चलाउ कि शौचालय बनाउ
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