जिला चित्रकूट, ब्लाक मानिकपुर, गांव गिदुरहा। हिंया के फूलमती अउर वहिका मनसवा राममिलन दस बरस पहिले मध्य प्रदेश रीवां जिला, डभौरा गांव कमाये खातिर चले गे रहैं। या से गांव का रहैं वाला मोहनदास उनके घर मा कब्जा कइ लिहिस हवै। या कारन उंई बहुतै परेशान हवै। या बात राममिलन बताइस हवै।
हिंया के फूलमती अउर वहिके मनसवा राममिलन का कहब हवै कि हम गरीब मड़ई आहीं। बाहर कमाये खातिर अपने बच्चन का लेवा के चले गयेन रहैं। काहे से कि खेत मा भी नींकतान से गल्ला नहीं होत रहै। गांव का मोहनदास कहत रहै कि मोर घर नहीं आय रहै का। मोहिका आपन घर दइ देव। जउन कुछ खेत मा होइ तौ तुमका देहूं। मैं अब आय हौ, तौ वा मोर घर जमीन नहीं देत आय। कब्जा कीने हवै। अगर वा मोर घर न देइ तौ मैं आपन बच्चा लइके कहां रहिहौं। वा मोर घर खाली नहीं करत आय। प्रधान संजो देवी से कहत हौं, तौ वा भी हमार नहीं सुनत आय। अउर ब्लाक प्रमुख का लिखित दीने हौं, पै कुछौ सुनवाई नहीं होत आय।
मोहनदास का कहब हवै कि मैं वहिके जमीन दस हजार रूपिया मा दस बरस पहिले खरीदे रहौं अउर वा घर के मरम्मत करवाये हौं। अब वा कहत हवै कि मोर घर देव।
प्रधान संजो देवी का कहब हवै कि इं लोग घर गांव छोड़ के चले जात हवैं। दस-दस बरस मा आवत हवैं। अगर हर महीना मा आवत जात रहै, तौ कउनौ घर अउर जमीन मा कब्जा नहीं कइ सकत आय।
मानिकपुर ब्लाक प्रमुख श्यामबिहारी का कहब हवै कि जांच कीन जई जेहिके घर जमीन होइ वहिका दीन जई।
खबर लहरिया पत्रकार घर अउर जमीन के कागज देखिन तौ राममिलन अउर फूलमति के नाम जमीन हवै। मोहनदास के लगे कुछ भी नहीं आय।
घर अउर जमीन मा करै कब्जा
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