ग्रीस, यूरोप। ग्रीस देश के लोगों ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की सख्त शर्तों के साथ आर्थिक मदद को नामंज़ूर कर दिया है। यहां 6 जुलाई को इस मदद को लेने या न कहने के लिए जनमत संग्रह हुआ था। इसमें इकसठ प्रतिशत लोगों ने इस मदद को लेने से मना कर दिया। उनतालिस प्रतिशत लोग इस मदद के पक्ष में रहे। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था है, जो अपने सदस्य देशों को आर्थिक और तकनीकी मदद करती है। उनकी मुद्रा की स्थिति पर नज़र रखती है।
दरअसल यहां की मौजूदा सरकार भी यही चाहती थी कि लोग सख्त शर्तों वाली मदद को न कहें। लेकिन अब अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भी रिपोर्ट जारी करके कहा है कि हमें अब सख्त कदम उठाने पड़ेंगे। इन शर्तों में कहा गया था कि ग्रीस देश को अपनी समाज कल्याण की सेवाओं को घटाना या बंद भी करना पड़ सकता है। इसमें पेंशन समेत कई योजनाएं शामिल थीं। ग्रीस लंबे समय से आर्थिक तंगी से गुज़र रहा है। उसे विश्व बैंक की तरफ से कई बार बेलआउट पैकेज यानी इस तंगी से निपटने के लिए मदद की गई। मगर वह इससे नहीं निकल पाया।
अब ग्रीस को देश के सबसे बड़े बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की तरफ से मदद देनी बंद कर दी गई। इस मदद देने के बदले यह ग्रीस से कुछ कड़े कदम उठाने का वादा चाहते हैं। अब अगर ग्रीस इनसे मदद नहीं लेगा तो उसे अपने देश की स्थानीय मुद्रा चलानी होगी। जिसकी दुनिया में मान्यता नहीं है। अभी तक यहां यूरो चलता था। जिसकी कीमत करीब अस्सी रुपए थी।