प्रधानमंत्री दिसम्बर 2016 मा अपने भाषण मा कहिन रहै कि दुइ बच्चन मा मिले वाला मातृत्व लाभ योजना मा छह हजार रुपिया परिवार का दीन जई जेहिसे बच्चा पैदा करै वाली मेहरिया का नींक से खावा पिया सकै। पै मई के महीना मा मोदी अपने बात से पलट गे उई फेर एक भाषण मा कहिन की पहिला बच्चा जेहिके होइ वहै का छह रुपिया का फायदा दीन जई? गरीब मड़ई तौ सरकार के भाषण सुन सुन के परेशान हवै कि कत्तो कुछ बात कहत हवै तौ कत्तो कुछ।इनतान मा तौ कउनौ का सुविधा नहीं मिल सकत आय।
जबै मोदी भाषण मा या बात कहिन रहैं तौ का सोच के कहि दिहिन रहै। अब काहे पलट गे हवैं। वहै कहावत हवै कि मड़इन का गुड़ देखा के डेला मारत हवैं।
पहाड़ी कस्बा के कइयौ मड़ई कहत हवै कि मातृत्त्व योजना शुरु होये के पहिलेन बंद होय के कगार मा हवै काहे से कि छह महीना बाद केंद्र सरकार का पता लाग हवै कि भाषण तौ दई दिहिन पै बजट तौ नहीं आय। यहै से अपने बात से पलट गे हवै। पै उई लोगन के बारे में सोचै अगर सरकार जउन बच्चा पैदा करत हवैं। उई तौ खुशी मनावत रहै कि कम से कम गरीबन का कुछ तौ सुविधा मिली मेहरिया अउर बच्चा का भूखे ना रहै का परी? कर्वी के कइयो आंगनवाडी कार्यकर्त्ता का कहब हवै कि मेहरियन के साथ हर कोऊ खिलवाड़ करै चाहत हवैं। अगर मेहरिया बच्चा पैदा कइ सकत हवै तौ वहिका पाल भी सकत हवैं।
सरकार मड़इन का लालच दई के आपन फायदा बस देखत हवै। गरीब जनता तौ हमेशा गरीब रहै अउर आगे भी रही। काहे से उनका कउनौ भी योजना का लाभ कत्तो नियम के हिसाब से नही मिला आय। बल्कि नेता मंत्री योजना का फायदा उठावत हवै।
पता नहीं सरकार कुछ महीना मा फेर से आपन बात ना पलट जाये कि अब मातृत्व लाभ योजना का बस बंद कई दीन जाये। सरकार काहे गरीब मेहरियन का योजना का लालच देत रहत हवै। का सरकार रुपिया ना देइ तौ मड़ई बच्चा पैदा करब बंद कइ देइ? या सरकार के भूल आय जबै मड़इन का कुछौ नहीं सुविधा रहै तबहूंने बच्चा पैदा होत रहै अउर आगे भी होत रहि है।