गुजरात में विधानसभा चुनाव के उम्मीदवारों की सूचियां सामने आते ही सोशल मीडिया पर सांप्रदायिकता को तकनीक के जरिए हवा दी जा रही है। सोशल मीडिया पर एक नया वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें साम्प्रदायिक भावनाओं को दर्शाया गया है।
गुजराती भाषा में बनाए गए 1.15 मिनट के इस वीडियो की शुरुआत में लाइन है, ‘गुजरात में शाम 7 बजे के बाद ये हो सकता है’। वीडियो में एक घबराई लड़की जल्दी–जल्दी जाते दिखती है, और अज़ान की आवाज़ सुनाई देती है। उसके मां–बाप घर पर बेचैनी से उसका इंतजार कर रहे हैं। घर में भगवान कृष्ण की फोटो लगी है। जब लड़की घर पहुंचती है तो वह घंटी बजाती है। उसकी मां दरवाजा खोलती है और उसे गले लगा लेती है, बाप राहत भरी सांस लेते हुए बेटी के माथे पर हाथ फेरता है। इसके बाद लड़की की मां कैमरा की तरफ घूमकर कहती है, ”एक मिनट, आप लोग गुजरात में ऐसा होता देखकर हैरान क्यों हो?” इसके बाद लड़की का पिता कहता है, ”22 साल पहले, ऐसा हुआ करता था और ऐसा फिर हो सकता है अगर वो लोग आए तो।” फिर लड़की बोलती है, ”परेशान मत हो। कोई नहीं आएगा। क्योंकि यहां मोदी है।”
वीडियो का अंत भगवा रंग में, गुजराती में लिखी एक पंक्ति से होता है, जिसका मतलब है, ”अपना वोट, अपनी सुरक्षा”।
इस वीडियो की जिम्मेदारी अभी तक किसी ने नहीं ली है। मानव अधिकारों के कानून में मानव अधिकारों के वकील गोविंद परमार ने चुनाव आयोग व गुजरात पुलिस को पत्र लिखकर इस वीडियो का प्रसार रोकने को कहा है। परमार का कहना है कि इस वीडियो का इस्तेमाल राज्य में वोटों के धुव्रीकरण और मुस्लिमों के खिलाफ नफरत फैलाने के लिए हो सकता है।