इस मौसम में स्वाद और सेहत बनाने वालों की सूची में तरबूज और पपीता भी हैं। खाते तो सब हैं लेकिन किसी रोचक नए तरीके से बनाएं तो दोनों का अलग ही स्वाद जानने को मिलेगा। जिला चित्रकूट, पहाड़ी ब्लाक के बक्टाबुर्जुग गांव के बब्बू बताते हैं कि तरबूज की सब्जी भी बनाई जाती है। यहां तरबूज को कुछ लोग कलींदा भी कहते हैं। पहले तरबूज के छिलके को काट लेते हैं। फिर लहसुन से बघार लेते हैं। नमक मिर्चा डालने के बाद थोड़ी देर पकाया जाता है।
बनारस कई अलग अलग स्वादों के लिए जाना जाता है। यहां पपीते का हलवा और उसकी मीठी चटनी भी बनाई जाती है। पपीते के इस स्वाद की बात ही कुछ और है। चोलापुर ब्लाक के गड़खरा गांव में पपीते की खेती करने वाले लोग इस खास हलवे को बनाने का तरीका बताते हैं। कच्चे पपीते को छीलकर उसे कद्दूकस कर लेते हैं। इसे उबालकर घी में भूनें। फिर धीरे धीरे दूध और चीनी डालकर पकाया जाता है। जैसे जैसे चीनी घुलती है, वैसे वैसे पपीते का एक नया अवतार तैयार हो जाता है।
पपीते की मीठी चटनी भी आपका मन खुष कर देगी। कच्चे पपीते को कद्दूकस करके हल्का सा उबाल लें। इसमें इलाइची के कुछ टुकड़े डालें और घी में छौंक दें। थोड़ी चीनी या गुड़ डालकर पकाएं और फिर चटपटे स्वाद के लिए डालें नमक और लाल मिर्च।
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