ज़िला चित्रकूट। यहां इस समय लगभग तीन महीने से बकरियों में बीमारी फैली है। कुछ लोागों की बकरी मर भी गई है।
ब्लाक मानिकपुर, गांव ऐलहा के गुंठी का कहना है कि सात बकरी थीं। उसमें से दो बकरी मर गई हैं। जंगल से चर के आई थीं। अचानक मुंह से फिचकूर आया और मर र्गइं। ऊंचाडीह का पुरवा झलमल की सोना ने बताया कि सात बकरी थीं। दो मर गईं। बकरी को पालने से ही घर का खर्चा चलता है। दो बकरियां मरने से पांच हज़ार का नुकसान हो गया। गांव अगरहुण्ड़ा, पुरवा अड़गम बाबा के रामभवन और मोहन ने बताया कि हमारे पास चालीस बकरियां थीं। रामभवन की तीन और मोहन की दो बकरी बीमार हैं। मानिकपुर पशु अस्पताल के बाबू उमेश का कहना है कि इस समय गर्मी तेज़ है। पेड़ की पत्ती गर्म होती हैं। इसे खाने से बकरी मर जाती हैं। गांव में टीम जा रही है। टीकाकरण और दवाई दी जा रही है। लोग अपनी बकरियों को बारिस के बाद जंगल भेजे।
गर्मी में मर रहीं बकरियां
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