एई गर्मी में इंसान परेशान हई, कोई छांव त कोई पानी खोजई छई। सबसे जादे जरुरत हई। पर एई गर्मी में अभी बिजली नदारद हई।
कहीं बिजली के तार जर-जर परल हई त कहीं गांव में पोल लग के तार लगे के लेल इंतजार हो रहल हई। नोर्थ बिहार पावर डिस्टब्युशन कम्पनी लिमिटेड के तहत शहरी क्षेत्र में चैबिसो धण्टा बिजली देबे के रहई। जइसे दुकानदार या व्यवसायी के फायदा रहतई। हर गांव में अठारह से बिस धण्टे बिजली मिलतई। न हर गांव में बिजली पहंुचलई न अठारह धण्टे बिजली मिलई छई। एई भीष्ण गर्मी में जहां पंखा अउर पानी के सबसे जादे जरुरत हई, उहां कभी पुरे दिन भी बिजली गायब रहई छई। हर साल गर्मी में बिजली के कटौती होई छई। जेकर असर घर कि व्यवसाय पर भी परई छई। एई के लेल विभाग के कोई निश्चित रण्निति भी न हई। जहां उ जांच करे अउर जल्द काम करावे के बात करई छथिन उहें काम के रफतार केतना धिमा रहई छई इ केकरो बतावे के जरुरत ही न हई। एकर जवाब विभाग के रोना रहई छई कि गर्मी में बिजली के खपत बेसी अउर उत्पादन कम हो जाई छई। एई कारण इ समस्या देखे के मिलई छई।
जब विभाग के पहले से पता हई कि गर्मी में बिजली के खपत बेसी हई त एकरा लेल व्यवस्था पहिले से करे के चाही। जेइसे लोग अगर बिजली बिल न भरई छथिन त उनका ब्याज जोड़ के बिल जमा करे के होई छई। ओईसेही बिजली कटौति के लेल भी बिभाग पर सरकार के उचित कार्यवाही करे के चाही।
गर्मी के बचाव के लेल बिजली जरुरी
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