भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने गर्भवती महिलाओं को मांस और सेक्स से दूर रहने का सुझाव दिया है। मंत्रालय के अनुसार, स्वस्थ बच्चा पैदा करने के लिए जरूरी है कि मांस, सेक्स के अलावा बुरी संगत से भी बचा जाये।
सरकार द्वारा सहायता प्राप्त संस्थान सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन योगा एंड न्यूपोपैथी की एक किताब ‘माँ एवं बच्चे की देखभाल’ में गर्भवती महिलाओं को यह सुझाव दिए गए हैं। महिलाओं की इस किताब को आयुष मंत्रालय के राज्यमंत्री श्रीपद नाइक ने जारी किया था।
एक अख़बार के अनुसार, मंत्रालय ने सलाह दी है कि गर्भवती महिलाओं को अपने कमरे में स्वस्थ बच्चे की खूबसूरत तस्वीरें लगानी चाहिए। इससे महिला का मूड अच्छा रहेगा।
जबकि जानी-मानी प्रसूति विशेषज्ञ डॉ. मालविका सभरवाल ने कहा कि सरकार के इस सुझाव को समझ से परे बताया है। उन्होंने कहा है कि यह सुझाव बेतुका है।
उन्होंने कहा कि प्रोटीन की कमी, कुपोषण और एनिमिया गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए चिंता का सबब है और मीट में प्रोटीन और आयरन दोनों ही होते हैं। ऐसे में उसे तंदरुस्त बच्चे की चाह के लिए मांस खाना चाहिए।
डॉ. सभरवाल के अनुसार, गर्भ के दौरान सेक्स को लेकर भी सरकार का सुझाव सिर्फ प्रचलित धारणाओं पर आधारित है। उनका कहना है कि अगर गर्भावस्था सामान्य है तो महिला के सेक्स करने से कोई दिक्कत नहीं है, कुछ खास मामलों में ही महिला को गर्भ के दौरान सेक्स से बचने की जरूरत होती है।
आपको बता दे कि विज्ञान के नज़र से, गर्भ में किसी भी प्रकार की आपात्ति मांस के सेवन या यौन संबंध से नहीं आती है और कोई भी डॉक्टर इन चीज़ों से मना कभी नहीं करता या करती है।