चित्रकूट जिला मा 20 दिसम्बर 2013 से ट्राफिक चैराहा से शंकर बाजार तक पुल बनत हवै। सरकार या काम तौ बहुतै नींक करिस हवै, पै अगर देखा जाये तौ पुल बनै से कत्तौ सप्लाई नल मा पानी नहीं आवत तौ छोट धंधा करैं वाले मड़इन का सबहिन से ज्यादा परेशानी उठावैं का पर रही हवै।
अब देखैं का हवै कि पुल कबै तक मा बनीं। अगर पुल जल्दी बन जई तौ मड़इन के समस्या खतम होइ सकत हवै। दूसर कइती आवै जाये वाले मड़इन का बहुतै समस्यन का सामना करैं का परत हवै। काहे से कि यहै एक मेन रास्ता हवै। रिक्शा वाले भी बीस रूपिया के जघा चालिस रूपिया मांगत हवै।
उंई भी कहत हवैं कि हम घूम के इलाहाबाद रोड से शंकर बाजार सवारी लइके जइत हन। यहै से मेहनत ज्यादा लागत हवै, पै सवारी येत्ता रूपिया दें का तैयार नहीं होत हवै। सरकार आपन समझ से तौ नींक करिस हवै, पै वा जनता के समस्या का नहीं देखत हवै कि का, का परेशानी उठावत हवैं। सरकार का जनता के समस्या खतम करैं खातिर पुल मा जल्दी काम करावैं के जरूरत हवै। तबहिने पुल जल्दी बन सकत हवै। या बात का इंतजार गरीब जनता का बहुतै बेचैनी से हवै। काहे से उनकर धंधा मा रोक लाग हवै। या समय शादी विवाह होत हवै, पै दुकान धरै के जघा न होय से उनकर पेट रोटी मारी जात हवै।
गरीबन का हरतान के समस्या
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