आजकल जगह-जगह पर डायरिया के प्रकोप देखल जा रहल हई। जेईमें बच्चा, बूढ़ा, जवान सब ऐई बिमारी से ग्रसीत हो रहल हई। इ बिमारी ज्यादातर गांव देहात में देखल जा रहल हई। उहां होये के सबसे बड़ा कारण कम जानकारी अउर अशिक्षा हई।
गांव घर में देखल जाई छई कि शिक्षा के कमी से लोग अपना घर के आस-पास अपने गंदगी फैलई छथिन। सब के दुरे-दुरे गड्ढ़ा खेदके पानी के जमाव रहई छई। जल जमाव से मच्छर पैदा होई छई। जे बिमारी के सबसे बड़ा कारण बनई छई। लोग कहई छथिन कि सरकार रूपईया देतई तब शौचालय बनबायब। ओतना अच्छा सड़क के ऐतना गंदा कर देई छई कि ओई रास्ता पर चलना मुश्किल हो जाई छई। घर में भी लोग बासी खाना बच्चा अउर अपने खाई छथिन जे बिमारी फैलबई छई। इ डायरिया ऐतना खतरनाक बिमारी हई कि अगर परिवार में एक व्यक्ति के हो जाई छई त धिरे-धिरे पुरे परिवार, टोला, मुहल्ला, गांव तक के लोग के इ बिमारी फैल जाई छई। इ एगो संक्रामक रोग हई जेकर किटाणु बहुत तेजा से फैलई छई अउर कय दस्त के द्वारा शरीर के पुरे पानी बाहर निकल जाई छई। जईसे कि सहोरवा में गंदगी अउर बाढ़ के छोटकी मछली खाये से इ बिमारी हो गेलई जेईमें दुगो के मौत हो गेलई। । इ धटना कम जानकारी रहे कारण भी भेलई। उ लोग हर बात के भगवान के मरजी समझई छथिन। लेकिन डाॅक्टर जे सुधार करे के बतबई छथिन से न करई छथिन।
गंदगी से फैलई छई बिमारी
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