नई दिल्ली। गंगा सफाई योजना पर केंद्र सरकार से सुप्रीम कोर्ट ने ज़मीनी रिपोर्ट मांगी है। 3 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 1 सितंबर को केंद्र ने योजना का जो कागज़ी खाका सौंपा है उससे तो लगता है कि इस योजना से नदी की सफाई हुई तो दो सौ साल से भी ज़्यादा समय लग जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को आदेश दिया कि वह तीन हफ़्ते में गंगा सफाई की ज़मीनी योजना बनाकर दे। कोर्ट ने केंद्र से कहा है कि वह गंगा सफाई योजना को आम भाषा में समझना चाहता है। सरकारी और भारी भरकम दस्तावेज़ उसे नहीं चाहिए। मामले की अगली सुनवाई 24 सितंबर को है।
कैसे पेश की थी रिपोर्ट
गंगा की सफाई पर केंद्र सरकार ने 1 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में एक खाका पेश किया था। इस खांके में बहुत संक्षित जानकारी दी गई थी। जैसे इस योजना का बजट पांच हजार करोड़ है। अड़तालिस शहरों में फैली इस नदी को तीन स्तरों पर साफ किया जाएगा। इसके लिए छिहत्तर परियोजनाएं बनाई गईं हैं। लेकिन सफाई के लिए तय किए गए तीनों स्तरों और छिहत्तर परियोजनाओं के बारे में बिल्कुल नहीं बताया गया था।