महोबा। जिला में दौ सौ सैतालिस गांव हे पूरे जिले कि जनसंख्या अठ्त्तर हजार आठ सौ छह हें। जीमे गांवन कि लगभग नब्बे प्रतिषत ओरतें खेती किसानी खा काम करत हें। आदमी ऊ समय झुण्ड मार के गांवन में तास खेलत हें या फिर आराम करत हें। किसानी खा काम तो ओरतें करत हें, पे सरकार ओर समाज ओरतन खा किसान काय नई मानत हे?
जिला महोबा, ब्लाक कबरई, गांव बिलबई ओर जैतपुर ब्लाक खा गांव अरघट मऊ। इते खेतन में चना कि कटाई ओरते करत हती। खबर लहरिया पत्रकारन ने उनसे खेती किसानी का लेके बात करी हती।
बिलबई गांव खे जहरी, फूलारानी ओर कई ओरतन ने बताओ-“ हमाए बत्तीस बीघा खेती हे, पे जा खेती आदमी खे नाम हे। आदमी ट्रेक्टर में बेठ के खेत जोता देत हें ईखे बाद हमई खेत में बोउतहें , निराउत हें ओर काटत बीनत हें । जभे फसल पक खे कट मण जात हे तो आदमी अनाज भर खे बाजार में बेच आउत हे। ओर किसान बने खा नाम कमा लेत हे।”
गांव अरघट मऊ के जयदेवी, भगवन्ती ओर दस ओरतन ने बताओ-“ भगवान हमाए किस्मत में काम छोड़ के कछु र्नइं लिखो आय। रात न होमहमसे चैबिसो घण्टे काम कराओ जाय। खेत में बीज डारन से लेके फसल तैयार होके घर आउन तक का काम हमई करत हें। फसल बेच के पैसे का मजा पाउत हें आदमी। आखिर हम ओरतन के साथ एसो काय होत हे?”
खेती का काम करत हें ओरतें, नाम पाउत हें आदमी
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