भूमाफियो ओर लेखपालन के द्वारा अवैध रूप से बेची गई जमीन अब आदमियन खा सड़क में लेके ठाड़ कर दओ हे। हम बात करत हे महोबा जिला, यशोदा नगर पन्द्रह साल से बसो हे। जोन जमीन अब लेखपालन के द्वारा नाप में कीरत सागर तालाब के डूब क्षेत्र में जात हे। आदमियन के पास ऊ जमीन की वैध रूप से रजिस्ट्री भी हे। फिर भी ऊ जमीन खा अवैध कब्जा कहके हटाओ जात हे।
सोचे वाली बात तो जा हे कि जोन आदमी पन्द्रह साल से रहत हे। ऊ आपन घर इत्ती जल्दी केसे खाली कर सकत हे? सरकार खा चाही की आपन जमीन में खुद व्यवस्था करें। का पेहले ओते के कर्मचारियन खा पता नई रहत हे कि जा जमीन में घर बनाउत हे तो जमीन ऊ जमीन कीखी आय? जभे कि नाप के लाने तो लेखपाल खा बुलाओ जात हे। पेहले तो रूपइया के अगांऊ कछू नई दिखात हे। दो चार सौ रूपइया के पछाऊं आज कित्ते परिवार बरबाद होत हे। ईखो जिम्मेंदार कोन हे। ऊ आदमी जोन पन्द्रह साल से ऊ घर में रहत हे जा फिर ऊ जीने जमीन बेंची ओर नापी हे। का राजस्व विभाग के कर्मचारियन खा सरकारी वेतन नई मिलत हे। जोन एसो काम करत हे। रोज को कमाये खायें वालो आदमी खा एक दइयां तो मकान बनाउब मुश्किल परत हे। ओर दुबारा से जमीन खरीद के केसे बनवा पेहे। एक तो बुन्देलखण्ड को को मजदूर आदमी प्राकृतिक मार से परेशान हे, दूसर भूमाफिया ओर सरकारी कर्मचारी मारत हे। थोई से लापरवाही के कारन आज कित्तो परिवार सड़क में आओ जात हे। का भूमफियो से कभऊं आदमी खा छूटकारा मिलहे। ईखे बारे में सरकार खा गम्भीरता से सोचे खा चाही। तभई जा समस्या दूर हो सकत हे।