ललितपुर जिले के ब्लाक जखौरा, गांव खडेरा में राशनकार्ड बनवाने के लिए लोगों को काफी परेशानियां झेलनी पड़ रहीं हैं। लोगों ने पिछले साल कई बार आनलाइन कराया, लेकिन राशनकार्ड नहीं बनें। लोग इतने गरीब हैं कि इनके बच्चे चावल खाने के लिए रोते हैं, लेकिन घर में चावल ही नहीं हैं।
विबऊआबाई ने बताया कि हम बूढ़े आदमी है काम होता नहीं। कोटेदार से राशनकार्ड को कहते है, तो कोटेदार बनवाने का आश्वासन देता है। साल भर हो गये, लेकिन आज तक राशनकार्ड नहीं बने। राजकुमारी ने बताया कि छोटे-छोटे बच्चे हैं चावल खाने को रोते है, कहां से चावल लाये? बनी मजदूरी करते हैं, तो घर खर्च में सब चला जाता है। विमला का कहना है कि राशन नहीं मिलता है, तो परेशानियाँ तो होगीं ही। भ्रजभान ने बताया कि राशनकार्ड नहीं बना है। दो तीन बार आनलाइन करा के फार्म कोटेदार के पास दे चुके हैं। जब भी पूछते हैं, तो बनाने का बहाना बता देता है।
कोटेदार का बेटा आनन्द कुमार ने बताया कि राशनकार्ड बनाने का काम चल रहा है। 60 राशनकार्ड बन चुके हैं। 330 स्थाई लोगों के बाकी हैं।
जिला पूर्ति अधिकारी ललितपुर विजय प्रभा का कहना है कि जो पात्र लोग है। वहां अपनी टीम भेज कर फार्म भरवाकर अपने पास लाने को बोली हूँ। जिनको राशनकार्ड न बनने की समस्या हो, वो अपना फार्म आनलाइन करा के हमारे पास जमा कर दें। नगरीय क्षेत्र के 64% आबादी के लिए और ग्रामीण क्षेत्र के 80% आबादी के लिए राशनकार्ड हैं।
रिपोर्टर: कल्पना
Uploaded on Jun 1, 2018