जिला वाराणसी, ब्लाक चोलापुर, गावं कमना दलित बस्ती। इ बस्ती में एक साल से लगभग दू सौ मीटर तक चकरोड पर मिट्टी फेंकल हव। इ चकरोड पर से एक दिन में दस घर के लोग आवलन जालन। इ चकरोड के दूनों तरफ घास जमले से बरसात के दिन में आवे जाए में बहुत परेशानी होला। प्रधान से कहाई त प्रधान सुनबे नाहीं करतन।
इहां के रीता, प्रमोद, फेंकू, जीरा कई लोगन के कहब हव कि इ चकरोड से करीब दस घर के लोग आवल जाल करलन। एतना दिन हो गएल अभहीं नाहीं बनल। प्रधान से कहल जाला कि खड़ण्जा बिछवा दा। लेकिन जब प्रधान सुने तब तो। रात के समय आवे में केतना डर रहला। प्रधान त इ रस्ते से आवल जाल करलन लेकिन कहाँ देखत हयन।
इ सब के बारें में प्रधान धर्मेन्द्र कुमार के कहब हव कि मनरेगा के तहत दू चकरोड पर पक्का काम भयल हव। पचास मीटर तक दलित बस्ती में आउर सौ मीटर तक चैहान बस्ती में समतलीकरण के काम भयल हव। पइसा करीब करीब खतम हो गएल हव। सन 2013 में चार लाख के प्रस्ताव बना के देहले हई। जब आ जाई त ओमे से साठ प्रतिशत के कच्चा काम आउर चालीस प्रतिशत के पक्का काम होई। कुछ लोग के मनरेगा के मजदूरी भी बाकी हव उ भी दिया जाई।,
खड़ण्जा पर जमल हव घास
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