जिला महोबा, शहर महोबा भले ही जमानो बदल गाओ होबे लेकिन पान एक एसी चीज हे जी को हर आदमी पसंद करत। आज हम बनारस के पान की नइ बल्कि महोबा के पान की बात कर रए।जिला महोबा, शहर महोबा भले ही जमानो बदल गाओ होबे लेकिन पान एक एसी चीज हे जी को हर आदमी पसंद करत। आज हम बनारस के पान की नइ बल्कि महोबा के पान की बात कर रए। बैसे तो महोबा में पान की खेती भी होत और इते को पान बोहतई प्रसिद्ध भी हे। लेकिन ज्ञानचन्द्र की दुकान में एसो का ख़ास हे। जो उनकी दुकान इतनी प्रसिद्ध हे आओ जाने। ज्ञानचन्द्र दुकानदार ने बताई के हम पान की खेती और दुकानदरी दोई काम करत। मार्च के महीना में जो बुबाई होत तब लगात जब पेड़ जम जात सोई टोर लेयात। और जो हम ओरे बीज लगात बेल हो जात तब टोर लेत। जो देशी पान हे जो टूट जात जल्दी और मुह में घुल जात। खाबे में अच्छो लगत और कड़कपन ज्यादा होत। अशोक ने बताई के पान बोहतई अच्छो हे। दस बीस साल से दुकान लग रई अच्छो माल हे। राम बिहारी ग्राहक ने बताई के इनकी दुकान जिला में सबसे अच्छी चलत इनके पास हर प्रकार के पान की बैराइटी मिलत और इनको व्यवहार भी अच्छो हे। जितनी बिक्री पान की होत उतनी गुटखा की नइ होत। हजारी लाल ने बताई के हमाय ते हर घर में सिपारी सरौता रत तो पहले और महोबा को देशी पान। और जो भी आओ सब को जोई खबात ते। जई से सूपा की सिपारी और महोबा के पान प्रसिद्ध हे। एसे पान सब जगह नइ मिलत कितऊ कितऊ मिलत।
रिपोर्टर- श्यामकली
28/06/2017 को प्रकाशित