महोबा जिले के कबरई थाना क्षेत्र के जुझार गांव में 2011 में पहाड़ के सात पट्टे किये गये थे। जिनमें से कुछ खनन माफियाओं ने पहाड़ में काम शुरू कर दिया हैं। जिससे गांव में दहशत फैली है और डर के कारण गांव छोड़ने को मजबूर हैं।
प्रधान जयंत प्रताप सिंह यादव का कहना है कि गलत जगह में पट्टा कर दिया गया है क्योंकि यहां देवी का स्थान,लोगों के खेत और बच्चों का स्कूल हैं। 2011 में जो पट्टे हुए थे, उन पहाड़ के पट्टों पर काम शुरू करनें से पहले प्रधान से नहीं पूछा गया है। यहां की जनता डर के मारे गांव छोड़ने को कह रहे हैं। पहाड़ का काम रुकवानें की डीएम से मांग की गई है।
छात्र कोमल सिंह राजपूत ने बताया कि जब पहाड़ में ब्लास्ट होता है, तब पूरा स्कूल कांपने लगता है और डर लगता है कि स्कूल गिर जायेगा। इसी डर के कारण स्कूल में बच्चें भी कम आते हैं। मास्टर अवधेश कुमार का कहना है कि पहाड़ के पास स्कूल है इससे हमेशा खतरा बना रहता है। कमलदास और मेवा ने बताया कि पहाड़ के पत्थर मकानों में भी आते है और जानवर भी खेत में रहते है, तो इनको लेकर कहां जायें। रामबाई का कहना है कि जब से पहाड़ पर काम शुरू हुआ है तो अपने सारे जानवर भगा दिये हैं। छत्रपाल सिंह का कहना है कि पहाड़ के नीचे से हमारे खेत जानें की रास्ता है। उसमें रोक लगा दी गई है तो कहां से जायें। संदीप तिवारी का कहना है कि 2011 के पट्टा अभी तक किसी ने नहीं चलायें हैं, किन्तु अब तीन- चार लोग जबरदस्ती चला रहें हैं। आम जनता की चिंता किसी को नहीं है। लोग डर के मारे खेत नहीं जाते हैं। इससे खेती सूखी जा रही है। ठेकेदार लाखन सिंह का कहना है कि हम तो यहां वेतन लेकर नौकरी करते हैं। जिनके नाम पट्टा है वो नेशनल ग्रे नाइट वाले हैं और बालू का काम देखतें हैं।
इस बारे में महोबा एसडीएम मृदुल कुमार ने इस बारें में कोई जानकारी नहीं दी है। सिर्फ जांच कराने को कहा है।
रिपोर्टर- सुनीता प्रजापति