वाराणसी जिले के वरुणा नदी के किनारे बसे सरैया मुस्लिम बस्ती के लोग कूड़े के बीच जीवन जीने को मजबूर हैं। करीब दस हजार की आबादी की ये बस्ती कूड़े की दुर्गन्ध से बीमारियों का शिकार हो गई है। नगर पालिका प्रशासन दस साल से इसी बस्ती के बीच कूड़ा फ़ेंक रही है।
मोहम्मद आसिफ का कहना है कि गन्दगी की वजह से चेहरे में दाग पड़ गये है। बहुत इलाज कराने के बाद भी ठीक नहीं हुए है। मुमताज अहमद का कहना है कि इसके लिए तो लोगों ने चक्का जाम तक किया है लेकिन प्रशासन ने कभी नहीं सुना है। यहां हजारों ट्रक कूड़ा पड़ा है इससे हैजा, प्लेग और उल्टी दस्त जैसी बीमारियां फैलती है। राजकुमार का कहना है कि दो तीन साल से यहां यह समस्या है, शिकायत करने पर थोड़ा पाउडर छिड़क कर चले जाते हैं।
पार्षद हाजी ओकाद अंसारी का कहना है कि सरकार गंगा सफाई की बात करती है लेकिन उसी वरुणा नदी के किनारे पूरा कूड़ा फेंका जाता है। उस्म नतीजा यह हुआ कि कूड़े से गैस निकलने लगी है जो पाइप के जरिये बाथरूम में जाती है और शौच के समय बीडी जलाते ही उस व्यक्ति को आग लग जाती है, अब तक दर्जनों लोग झुलस चुके हैं। गन्दगी के कारण आसपास के मुहल्लों में मलेरिया, टाइफाइट, कालरा, हैजा जैसी खतरनाक बीमारियां लोगों के घर-घर में मिलेगी। चार-पांच बार शिकायत करने के बाद भी सुनवाई नहीं हुई है।
अपर नगर युक्त मोतीलाल सिंह का कहना है कि कूड़ा फेकनें वालो के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जायेगी।
रिपोर्टर- अनामिका