दुनियाभर से बारिश के बारे में कुछ अजीबोगरीब बातें
दक्षिण भारत के केरल राज्य में जब लबर्नम पेड़ (जिसको अमलतास भी कहते हैं) के पीले फूल खिलते हैं तो किसानों को पता चलता है कि बारिश किस दिन होगी। उस हिसाब से धान बोते हैं। फूलों का खिलना हवा, मिट्टी, तापमान ही तय करते हैं, और इन सब का जुड़ाव बारिश से भी है। इसलिए फूलों का खिलना हमें बारिश के आने की खबर देता है।
एक तरह का जंगली सूअर है जो खास पौधे की जडें खाता है, पर सिर्फ बारिश खत्म होने के बाद। अगर उसे इन जड़ों को खाते देखते हो तो जान लो कि हवा और मिट्टी में बदलाव आया है, और बारिश का मौसम अब खत्म।
सबसे ज़्यादा बारिश
एक साल में सबसे ज़्यादा बारिश का रिकार्ड चेर्रापुन्जी नाम की जगह में है। ये पूर्वोत्तर भारत के मेघालय राज्य का एक छोटा सा शहर है। यहां पर किसी किसी साल में पच्चीस मीटर बारिश हो जाती है।
जैसे पृथ्वी पर हम बसे हैं, वैसे दुनिया में कई और ग्रह हैं। यह सारे अपनी जगह बदलते रहते हैं। आसमान में तारे और ग्रहों की बदलती जगह देखकर भी बारिश के आने के बारे में पता लग सकता है।