जिला सीतामढ़ी। सीतामढ़ी एक बड़ा शहर है जहां दिन पर दिन विकास होता जा रहा है। लेकिन अभी तक सड़कों की चैड़ाई नहीं बढ़ाई गई है। लगातार बढ़ रही आबादी और वाहनों के चलते, इस स्थिति के लिए सालों से कोई व्यवस्था नहीं की गई है। नतीजा – आए दिन बस, गाड़ी, रिक्षा, टैम्पो का जाम लगता रहता है।
सीतामढ़ी के मेहसौल चैक के ट्रैफिक पुलिस कर्मी अरुण सिंह का कहना है कि सबसे ज़्यादा जाम दिन के दस बजे से लेकर शाम पांच बजे तक रहता है। जब स्कूल की बसें जाती हैं उस समय तो और जाम लग जाता है। ऐसे तो पटना और मुजफ्फरपुर जाने वाली बसों का रूट अलग है लेकिन वह भी इसी रस्ते से होकर जाती हैं। सोनबरसा भिट्ठा मोड़ की भी बस यहीं से जाती हैं। बसें रुकते-रुकाते चलती हैं जिससे ट्रैफिक की धीमी गति बनी रहती है और छोटी-छोटी गाडि़यों को निकलने के लिए जगह नहीं मिलती है।
टैम्पो चालक अवध कुमार और विजय साहनी ने बताया कि जब सामान ढोने वाली गाडि़यां आती हैं तो वह भी सड़क पर ही माल उतारने लगती है जिस कारण से भी जाम लगता है। वीके ट्रेवल्स बस कंपनी के बस ड्राइवर अजय ठाकुर बोले कि जाम में फंसने से घण्टों लेट हो जाता है।
महसौल थाने के छोटा दरोगा शंभू शरण गुप्ता का कहना है कि ट्रैफिक पुलिस और होनी चाहिए। टैªफिक की स्थिति को सुधारने के लिए ज़रूरी है कि सड़कों पर डिवाइडर बने जिससे एक तरफ से गाडि़यां जाएं और दूसरी तरफ से आएं।