उत्तर प्रदेश। पिछले दिनों ही बनारस शहर के एक विधायक श्याम देव राय चैधरी बिजली कटौती की समस्या से परेशान अनशन पर बैठे थे और अब 4 जून को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बनारस में चैबीय घंटे बिजली देने की घोषणा की है। वहीं दूसरी ओर इस समय उत्तर प्रदेश में छह पावर प्लांट बंद पड़े हैं।
केंद्र सरकार ने भी राज्य को और ज़्यादा कोयला देने का वादा किया। इस समय राज्य में सारे पावर प्लांट (बिजली बनाने वाले मशीन) जितना बिजली उत्पादन कर सकते हैं, उतना नहीं कर रहे हैं। बल्कि दस दिन पहले ही आनपाड़ा में बने एक प्लांट को बंद भी कर दिया गया।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सपा सरकार का बिजली को लेकर यह पहला वादा नहीं है। दिसंबर 2013 में सरकार ने छह जिलों को चैबीस घंटे बिजली देने का वादा किया था। दूसरी ओर ना तो ये वादे पूरे हुए हैं, ऊपर से राज्य में हर समय कम से कम एक पावर प्लांट किसी ना किसी कारण से खराब पड़ा होता है।
महोबा में फौरन कदम उठाने की है ज़रूरत
जिला महोबा में इस समय हर गांव और शहर में बिजली की समस्या है। कही के खम्भा टूटे है तो कही के तार नीचे लटक रहे है।
ब्लाक जैतपुर। महुआ बांध गांव में 29 अपै्रल को बिजली के तार टूटने से एक बच्चे की मौत हो गई थी। उधर मुढ़ारी गांव में 24 मार्च तार टूटने से नौ भैंस मर गई थीं।
ब्लाक पनवाड़ी। गांव छतेसर में 31 मई को आंधी तूफान से तार टूट गए और खंभे भी झुक गए। कोई कार्यवाई नहीं की गई है जबकि इस स्थिति में राह चलते लोगों को कुछ भी हो सकता है।
ब्लाक कबरई। गांव गोसाईं बम्हौरी में बिजली आने जाने का कोई समय नहीं है। जब देखो तो फेज़ उड़ जाता है। लोगों ने बताया कि पावर हाउस में भी कोई सुनवाई नहीं है। इसलिए 3 जून को तहसील दिवस में एस.डी.एम. को दरखास दी गई है।
महोबा बिजली विभाग के अधिषासी अभियन्ता रमेष चन्द्र ने कहा कि जहां आंधी के कारण तार और खंभे टूटे हैं, वहां के लिए सर्वे करा के एस्टीमेट (प्रस्ताव) भेजा जा रहा है।