उत्तर प्रदेश के कैराना में हिंदू परिवारों के पलायन का मुद्दा राजनितिक रंग पकड़ता जा रहा है। कैराना से बीजेपी सांसद हुकुम सिंह ने पलायन करने वाले 346 हिंदू लोगों की लिस्ट जारी की है। जबकि हकीकत यह है कि इस लिस्ट की जांच में 11 ऐसे नाम मिले जो 10 से 15 साल पहले ही आर्थिक और कारोबारी वजह से पलायन कर चुके थे। इनके पलायन का संबंध किसी आतंकी माहौल से नहीं था।
लिस्ट में 165 और 166वें नंबर पर जय कुमार धीमान और पोनी का नाम है। उनके भाई मनु कैराना के बिसातयान मौहल्ले में कई दशकों से रहते हैं। वह हैरान है कि लिस्ट में उनके दो भाइयों के नाम हैं, जो रोजगार के लिए कई साल पहले ही इलाका छोड़कर चले गए थे।
आर्थिक वजहों से पलायन किया
इसी लिस्ट में सीताराम लुहार के परिवार का जिक्र है। उनके तीन बेटे नरेंद्र, सुरेंद्र और गोटी का 153 से 155 नंबर पर नाम है। कभी कैराना के बिसातयान मौहल्ले में यह परिवार रहता था लेकिन 10 साल पहले ही अपना घर-बार बेचकर जा चुका है।
सूची में शामिल कुल दस में से छह लोग ऐसे हैं जिनकी हत्या कम से कम 15 साल पहले हुई थी।
कुछ की तो लगभग आज से 25 साल पहले।
हुकुम सिंह द्वारा जारी की गई ‘कैराना से पलायन करने वाले हिन्दू परिवारों की सूची‘ में मांगे राम के तीन बेटे सुनील प्रजापत, सतीश प्रजापत और सोनू प्रजापत का नाम 159 से 161 नंबर तक है। जबकि सच्चाई यह है कि मांगे राम अपने परिवार के साथ करीब 15 साल पहले ही कैराना छोड़कर रोजगार की तलाश में चले गए थे।
हुकुम सिंह चर्चा में तब आए जब मुजफ्फरनगर दंगे के बीच उन्होंने कथित तौर पर ‘नफरत भरे बयान‘ दिए। जबकि शामली में और उत्तर प्रदेश की विधानसभा में उन्हें एक ‘सुलझा हुआ‘ और ‘गंभीर‘ वक्ता माना जाता है।
कुछ दिन पहले उन्होंने कहा था, ‘मैं अब भी कह रहा हूं कि कैराना से हो रहे पलायन का मामला सांप्रदायिक नहीं है। यह कानून व्यवस्था का मुद्दा है। लोग इसे सांप्रदायिक मुद्दा इसलिए बनाना चाहते हैं ताकि उन गुंडों को संरक्षण मिल सके।’
विधायक संगीत सोम ने भी कहा कि कैराना से 10 हिंदुओं ने पलायन किया है। जिस तरह से कैराना और यूपी के अन्य स्थानों पर डर का माहौल है उसे दूर किया जाएगा और देश को विखंडित करने वाली शक्तियों का पार्टी हर मोर्चे पर सामना करेगी।