छत्तीसगढ़ में जन स्वास्थ्य अभियान के साथ काम कर रही सुलोक्षणा ने इस घटना के बारे में बात करते हुए परिवार नियोजन से जुड़ी कुछ खास बातें बताईं।
सवाल – इस घटना से सबसे अहम कौनसे मुद्दे उठकर आए हैं?
जवाब – इस तरह की घटना नसबंदी ही नहीं बल्कि टीकाकरण या दवाएं देने के समय भी हो सकती है। जब स्वास्थ सेवाओं को जल्दबाज़ी में देने की कोशिश की जाए तो उनकी गुणवत्ता पर असर पड़ता है।
सवाल – इसके लिए क्या उपाय हो सकता है?
जवाब – नसबंदी के लिए इस तरह कैम्प नहीं लगाने चाहिए। डाक्टर अपने लक्ष्य पूरे करने की कोशिश करते हैं और लोग बिना पूरी जानकारी के यहां पहुंच जाते हैं। अगर सरकार हर हफ्ते नसबंदी कराने के लिए एक दिन रखे तो लोग भी अपने समय से आ सकते हैं और डाक्टर भी आराम से ऐसे आपरेशन कर सकते हैं। पर इसके लिए डाक्टरों को ब्लाक और जिले स्तर पर रहना ज़रूरी है। अक्सर ऐसा नहीं होता।
सवाल – समुदाय के लिए परिवार नियोजन के बारे में आपकी क्या राय है?
जवाब – सबसे पहले यह समझना ज़रूरी है कि परिवार नियोजन की जि़म्मेदारी सिर्फ औरतों की नहीं है। पुरुष भी नसबंदी करा सकते हैं। महिला और पुरुष को एक दूसरे से खुलकर इस विषय पर बात करनी चाहिए।
कैम्प लगाने से बढ़ती है लापरवाही
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