जिला वाराणसी, ब्लाक चिरईगावं ,गावं गोपपुर पटेल बस्ती । इ बस्ती में रहे वाली रीता देवी के विधवा भइले के दू साल बाद भी पेंशन नाहीं मिलत हव। पैतिंस साल के रीता के आपन परिवार चलावे के भी सोचे के पड़त हव।
रीता देवी बतावलीन कि हमरे आदमी के मरले दू साल हो गएल हव लेकिन हमके अभहीं तक विधवा पेंशन नाहीं मिलत। प्रधान से कहे लेकिन कउनों सुनवाई नाहीं होत। अगर हमके दू पइसा मिले लगत त कुछ सहारा हो जात। एतना मेहरारून के स्कूल पर खाना बनावे के आउर बहुत कुछ मिलत हव। हमरे खातिर कुछ भी नाहीं हव कि पेंशन भी नाहीं मिल पावत हव। हम अगरबत्ती बना के आपन आउर अपने परिवार के पेट चलावे के कोशिश करत हई। एक किलो अगरबत्ती बनी त दस रूपिया के काम होई। इ गावं में बनी मजदूरी भी नाहीं हव कि कुछ करके परिवार के पेट चला लेई।
एकरे बारे में प्रधान संजय कुमार पटेल के कहब हव कि सितम्बर 2013 के फार्म भर के जमा कइले हई देखा कब तक आई कुछ मालूम नाहीं हव।
के होई विधवा के सहारा
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