ई साल तेज लू ओर गर्मी ने रिकार्ड टोर दओ हे। सुबेरे सात बजे से बाहर निकरे मे एसो लगत हे जेसे मानो ऊपर से आगी बरसात हे। बाढ़ ओर आग ठण्डी जेसी समस्या खे लाने तो सरकार केऊ तान की सुविधा करत हे, पे गर्मी ओर लू जेसी प्राकृतिक समस्यन से आदमी खा छुटकारा केसे मिलहे। ऊसे तो आदमी जभे घर से बाहर जात हे तो पूरो शरीर बांध के निकरत हे। इत्ती सुविधा करें खे बाद भी अपने आप खे मोत के मुंह मे जायें से नई रोक पाउत हे।
गर्मी के दिन शुरू होतई गांव में पानी की किल्लत होन लगत हे। पानी न मिले कारन आदमी तीन-तीन कोस दूरी से धूप ओर लू में पानी लाउत हे। जीसे आदमी एक दिन को भरे पानी चार-चार दिन पियत रहतहे जा फिर तालाबन को गन्दो पानी पिये खा मजबूर हो जात हे जीसे बिमारी ओर मोत को शिकार हो जात हे।
हम बात करत हे महोबा जिला की जिते एक दिन में दो सौ से ज्यादा आदमी डायरिया से बीमार जिला अस्पताल में भर्ती करो हतो। जिते पानी की कमी ओर धूप के कारन डायरिया जेसी बिमारी से दो आदमियन की मोत हो गई हे। सोचे वाली बात जा हे की जभे एक दिन में जा हाल हे तो तीन महीना गर्मी के दिन केसे कटहे। आखिर दो आदमियन के मौत को जिम्मेंदार कोन हे।
सवाल जा उठत हे कि दैवीय आपदा के कारन भओ नुक्सान से अगर कोनऊ की मोत होत हे तो सरकार ऊखे मुआवजा देय की बात करत हे। अगर डायरिया जा फिर गर्मी ओर लू जेसी प्राकृतिक आपदा से मोत होत हे तो ऊखे मुआवजा काय नई दओ जात हे।
केसे रूके गर्मी ओर लू
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