कांग्रेस नेता एम।एम हसन को लगता है कि माहवारी के दौरान महिलाओं को मंदिर, मस्जिद या गिरिजाघरों के भीतर नहीं जाना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि इस दलील के पीछे वैज्ञानिक वजहें हैं। हालांकि इन वजहों पर हसन कुछ नहीं बोले।
हसन यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा कि माहवारी के दिनों में मुस्लिम महिलाएं भी रोजा नहीं रखती हैं, क्यूंकि शरीर अपवित्र होता है, और इबादतगाहों में घुसने की इजाजत भी इसलिए नहीं मिलनी चाहिए।
छात्र संगठनों ने इस बयान की तीखी आलोचना की है। लेकिन हसन अपने बयान पर अब तक कायम हैं। एम एम हसन केरल कांग्रेस के सबसे वरिष्ट नेताओं में से एक हैं। उन्हें इसी हफ्ते पार्टी की राज्य इकाई का अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया है।