भारत के दक्षिणी राज्य केरल में सदियों पुरानी परंपरा को तोड़ते हुए छह दलितों को आधिकारिक तौर पर त्रावणकोर देवस्वम बोर्ड का पुजारी नियुक्त किया गया है।
केरल के तिरुवल्ला स्थित मनप्पुरम भगवान शिव के मंदिर में पहली बार किसी दलित को पुजारी के तौर पर शामिल किया गया है। 22 वर्षीय येदु कृष्णन इतिहास में दर्ज हो गया है, क्योंकि मंदिर पहली बार एक दलित पुजारी के रूप में उनको काम पर लगाया गया है।
कृष्णन के पिता पीके रवि व मां लीला इस अनूठी उपलब्धि से उत्साहित हैं। युवक ने तंत्र शास्त्र में दस साल का प्रशिक्षण हासिल किया।
गौरतलब है कि त्रावनकोर देवासोम बोर्ड ने हाल ही में 36 गैर ब्राह्माणों को विभिन्न मंदिरों के कामकाज के लिए चयनित किया गया था। इनमें कृष्णन समेत छह दलित युवक भी शामिल थे।
बोर्ड के जरिये राज्य में 1248 मंदिर संचालित होते हैं, जिनमें विश्व प्रसिद्ध भगवान अयप्पा का सबरीमाला मंदिर भी शामिल है। त्रिशूर जिले के कोराट्टी के रहने वाला कृष्णन संस्कृत में परास्नातक के अंतिम वर्ष का छात्र है। उसने 15 वर्ष की उम्र में पहली बार घर के नजदीक मंदिर में पूजा शुरू की थी।