केंद्र सरकार ने सूखे की स्थिति के मद्देनजर उत्तरप्रदेश को राष्ट्रीय आपदा राहत निधि के अंतर्गत सूखा राहत के लिए 1304 करोड़ रुपए की राशि को मंजूरी दी। इस राशि को राज्य सरकार एक सप्ताह के अंदर ही किसानों के बैंक खातों में जमा कराएगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड, विदर्भ और मराठवाड़ा में सूखे की स्थिति की एक उच्च स्तरीय समीक्षा करने के निर्देशों के बाद यह पहली बैठक है जिसमें गृहमंत्री ने उत्तरप्रदेश को राष्ट्रीय आपदा राहत निधि के अंतर्गत सूखा राहत के लिए 1304 करोड़ रुपए की सहायता राशि को मंजूरी दी। बैठक में उत्तरप्रदेश के मुख्य सचिव ने सूचित किया कि बुंदेलखंड क्षेत्र विशेष तौर पर चित्रकूट मंडल के महोबा, चित्रकूट और बांदा जिलों में पेयजल की स्थिति के समाधान के लिए एक विस्तृत आकस्मिक योजना तैयार है। उन्होंने पेयजल की उपलब्धता का आश्वासन भी दिया।
ज्यादा से ज्यादा किसानों को मिले लाभ
-स्टेट गवर्नमेंट को कहा गया है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ अधिक से अधिक किसानों को पहुंचाया जाए।
-ज्यादा से ज्यादा तालाब, जोहड़ और कच्चे कुएं बनाए जाएं।
-इसके अतिरिक्त बुंदेलखंड में वर्ष-2017 के लिए मनरेगा के तहत कार्य दिवसों की संख्या सौ से बढ़ाकर एक सौ पचास दिन कर दिया गया है।
-यूपी गवर्नमेंट यह भी सुनिश्चित करेगी कि मनरेगा के तहत 700 करोड़ रुपए की मजदूरी सीधे लाभार्थियों को जारी कर दी जाए।
-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन को मजबूती दी जाए और सभी प्रखंडों में आय के वैकल्पिक तरीके निकाले जाएं।
बुंदेलखंड क्षेत्र में तिल खरीफ की सबसे महत्वपूर्ण फसल है। इस दौरान कहा गया कि वर्ष 2016-17 के लिए तिल के लिए एमएसपी को घोषणा शीघ्र की जाएगी और क्षेत्र के लिए एमएसपी से 20 रुपए अधिक के बोनस पर विचार किया जाएगा।
बुंदेलखंड क्षेत्र में संकटपूर्ण स्थिति के कारण यह 30 प्रतिशत है। रबी 2014-15 के लिए 250 करोड़ रुपए और खरीफ 2015 के लिए 180 करोड़ रूपए वितरित किए गए हैं और इससे क्रमशः 3.34 लाख और 2.16 लाख किसानों को लाभ प्राप्त हुआ है।