छतरपुर जिले के मातगुवा गांव के लोग आवास के आभाव में जी रहे हैं। यहां के लोगों का कहना है कि आवास के लिए एक साल से फार्म भर रहे हैं फिर भी आवास नहीं मिला है, सरपंच दिलासा बस देता है। बारिस में सारा अनाज गीला हो जाता है और सोने की जगह भी नहीं रहती है।
रामकुंवर का कहना है कि तीन साल से आवास की मांग कर रहे हैं। बहुत परेशानी होती है, सेक्रेटरी आश्वासन बस देता है। अधु रैकवार का कहना है कि किसी को आवास नहीं मिले हैं, सरपंच से शिकायत की है। रोशनी का कहना है कि कच्चे घर में ऊपर से कचड़ा गिरता है, मिट्टी लगानी पड़ती है और लीपना पड़ता है। चार महीने पहले आवास के लिए फार्म भरा था लेकिन अभी तक आवास नहीं मिला है।
रिंकू रैकवार का कहना है कि यहां गरीबों के लिए नहीं बड़े लोगों के लिए आवास आते है। कच्चे घर में कीड़े-मकोड़े आते हैं। कोई सुनता नहीं है किससे शिकायत करें। सचिव किशोरी लाल का कहना है कि लोगों का नाम सूची में नहीं होगा तो आवास नहीं मिलेगें।
बीडीओ सैयद मजहर अली का कहना है कि नया लक्ष्य आया है अब आवास का काम होगा।
रिपोर्टर- आलिमा तरन्नुम